आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

शनिवार, अगस्त 29, 2015

बहना ने बहना की कलाई पर राखी बाँधी


आज हमने भी हर साल की तरह रक्षाबंधन का त्यौहार अपनी सिस्टर अपूर्वा के साथ सेलिब्रेट किया। हम दोनों ने एक दूसरे को कलाई में सुंदर सी राखी बांधी और फिर ढेर सारी चॉकलेट्स और स्वीट्स भी खाई। मम्मी-पापा का ढेर सारा प्यार भरा आशीर्वाद भी हमें मिला।  







आज रक्षाबंधन पर्व को नए परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है। इसे भाई-बहन के संबंधों तक सीमित करके देखना और बहन को अशक्त मानते हुए भाई द्वारा रक्षा जैसी दकियानूसी बातों से जोड़ने का कोई औचित्य नहीं रहा। जो समाज बेटियों-बहनों को माँ की कोख में ही खत्म कर देता है, क्या वाकई वहाँ बहनों की रक्षा  का कोई अर्थ है ? आज जिस तरह से समाज में छेड़खानी और महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएँ बढ़ रही हैं, वह यह सोचने पर विवश करती हैं कि क्या ऐसा करने वालों की अपनी बहनें नहीं हैं। रक्षाबंधन के दिन बहन की रक्षा का संकल्प उठाना और घर से बाहर निकलते ही बेटियों-बहनों को छेड़ना और उनके साथ बद्तमीजी करना .... यह दोहरापन रुकना चाहिए। अन्यथा हर बहन अपने भाई से यही कहेगी कि- "मुझ जैसा कोई रो रहा है।  क्योंकि, तुम जैसा कोई उसको छेड़ रहा है।  भैया ! क्या तुम ऐसा कर सकते हो कि हर नारी सुरक्षित रहे।  क्या हर नारी को सम्मान दे सकते हो ताकि वो बिना भय के खुली हवा में साँस ले सके।  तभी सही अर्थों में राखी की शान बढ़ेगी।"   

रविवार, अगस्त 23, 2015

'राजस्थान पत्रिका' में अक्षिता (पाखी) के स्कूली दिन



  'राजस्थान पत्रिका' (23 अगस्त, 2015) में प्रकाशित फीचर आलेख "पहली बार की बात ही अलग है" के अंतर्गत "स्कूल का पहला दिन'' में अक्षिता (पाखी) की स्कूली दिनों की फोटो लगाई गई है। उस समय अक्षिता पोर्टब्लेयर (अण्डमान) में नर्सरी की स्टूडेंट थी।  
यह फोटोग्राफ अक्षिता के ब्लॉग "पाखी की दुनिया" में 30 जून, 2010 को लिखी गई पोस्ट "खुल गया स्कूल..." 
(http://www.pakhi-akshita.blogspot.in/2010/06/blog-post_30.html) से लिया गया है।


धन्यवाद राजस्थान पत्रिका !!

शनिवार, अगस्त 15, 2015

स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनायें








!! स्वतंत्रता दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें !!