आप सब 'पाखी' को बहुत प्यार करते हैं...

रविवार, अक्तूबर 26, 2014

हैप्पी बर्थ-डे टू अपूर्वा

हैप्पी बर्थ-डे टू अपूर्वा। 


हमारी प्यारी सिस्टर अपूर्वा 27 अक्टूबर को पूरे चार साल की हो जाएँगी। 


अपूर्वा सिर्फ हमारी सिस्टर ही नहीं बेस्ट फ्रेंड भी हैं।  एक -साथ तो हम दोनों खूब धमाल और मस्ती करते हैं। 





 अपूर्वा के  हैप्पी बर्थ-डे पर आप सबका आशीष, स्नेह और प्यार तो मिलना ही चाहिये !!

तुम जियो हजारों साल 
साल के दिन हों पचास हजार 



शनिवार, अक्तूबर 25, 2014

अंतरिक्ष में भेजे चिप्स और बर्गर

आपने कभी सोचा है कि अगर अंतरिक्ष में चिप्स और बर्गर भेजे जाएं तो क्या कहने। पिछले दिनों हमने यह न्यूज पढ़ी तो लगा की आप सभी के साथ शेयर करना चाहिए। 

दरअसल लंदन की एक कंपनी ने हीलियम गुब्बारे की मदद से अंतरिक्ष में चिप्स और बर्गर भेजने में सफलता हासिल की है। इस गुब्बारे का आकार दो बेडरूम वाले घर जितना है। इस खाद्य सामग्री को 1,12,000 फुट आकाश में भेजने पर कंपनी का लगभग दो हजार पाउंड का खर्चा आया। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि दरअसल यह स्टंट था जिसका मकसद महज प्रचार है। इससे पहले भी एक बार कंपनी ने ऐसा प्रयास किया था पर तब कैमरे ने दो फुट की ऊंचाई से ही काम करना बंद कर दिया था। दरअसल इस बर्गर कंपनी के दोनों मालिकों को विज्ञान से लगाव है। 

तो है न मजेदार जानकारी !!


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शुक्रवार, अक्तूबर 24, 2014

एनिमेटेड रंग जमाए है


आजकल एनिमेशन का जमाना है।  जब चाहो, जैसे चाहो, जिसे चाहो .... इसमें ढाल दो और फिर इंजॉय करो।  वैसे हम बच्चों के लिए यह सीखने का अच्छा माध्यम भी है। इसके लिए हम बच्चों की दीवानगी है तो फिर मम्मी-पापा की डांट भी।  आखिर अति हर चीज की बुरी होती है।  आप भी देखिये कि 'पाखी की दुनिया' के लिए भेजी अपनी इस प्यारी कविता में  उमेश चौहान अंकल जी क्या कहते हैं -

कम्प्यूटर के गेम निराले
आई-पैड, पी सी पी वाले,
शुरू करो तो रुका न जाए
मम्मी कितनी डांट पिलाएं,
भूल-भाल कर खाना-पीना
इनके संग छुट्टी भर जीना,
क्या भारत, यू के, यू एस ए,
दुनिया को भरमाए है।
एनिमेटेड रंग जमाए है॥

टेलीविजन-कथाएं बदलीं
फिल्मों की गाथाएं बदलीं,
नए-नए पात्रों के चर्चे
‘छोटा भीम’ सराहें बच्चे,
‘आइस एज’ के किस्से अच्छे
लगते हैं बच्चों को सच्चे,
कृष्ण, गनेशा, हनोमान का
जादू मन को भाए है।
एनिमेटेड रंग जमाए है॥

इनसे कुछ खोया भी हमने
दादी के किस्से अब सपने,
मित्रों के भी जमघट छूटे
नाते-रिश्ते  सिकुड़े,  टूटे,
खेल-कूद का समय नहीं है
जो आभासी, वही सही है,
मन न लगे पढ़ने-लिखने में
लैप-टॉप  ललचाए  है।
एनिमेटेड रंग जमाए है॥

-उमेश कुमार सिंह चौहान (यू. के. एस. चौहान)
सम्पर्क: सी-II/ 195, सत्य मार्ग, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली–110021 (मो. नं. +91-8826262223).


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बुधवार, अक्तूबर 22, 2014

पावन पर्व दीपावली का


पावन पर्व दीवाली का,
दीपों की बारात लाए।
बम, पटाखे, फुलझड़ी संग,
खुशियों की सौगात लाए।

तोरण द्वार पर सजे अल्पना,
ज्योति का पुंज-हार लाए।

खील-लड्डू का चढ़े प्रसाद,
दिलों में सबके प्यार लाए।

है शुभ मंगलकारी पर्व यह,
इस दिन अयोध्या राम आए।
जल उठी दीपों की बाती,
पुलकित मन पैगाम लाए।

अमावस्या का तिमिर चीरकर,
रोशनी का उपहार लाए।
चारों तरफ सजे रंगोली,
लक्ष्मी-गणेश भी द्वार आए।

( दीपावली के शुभ पर्व पर मम्मी की लिखी एक कविता)

!! आप सभी को दीपावली पर्व पर सपरिवार शुभकामनाएँ !!

शनिवार, अक्तूबर 18, 2014

ऐसे मनाएं दीपावली : गरीबी और अशिक्षा का अँधियारा मिटायें

(दीपावली का त्यौहार नजदीक है।  हम सभी इसे खूब इंजॉय करते हैं। पर कुछ बातों का ध्यान भी रखना होगा, ताकि इस ख़ुशी में और लोग भी शामिल हो सकें।  इस पर दैनिक जागरण, इलाहाबाद संस्करण, 18 अक्टूबर 2014 में प्रकाशित हमारे विचार आप भी पढ़ सकते हैं।) 


दीपावली रोशनी का त्यौहार है, न कि पटाखों का। इस मौके पर हम खूब दीये जलाएंगे और परिवार के साथ इसे इंजॉय करेंगे। पटाखों से तो बिलकुल दूर रहूँगी। 

पटाखों से निकली चिंगारी से तो कई बार लोगों की आँखों की रोशनी भी चली जाती है। इससे प्रदूषण भी बहुत फैलता है। 

ऐसे में मैंने संकल्प लिया है कि इस दीपावली पर पटाखों से दूर रहूँगी। जो पैसे हम पटाखों पर खर्च करते हैं, उनसे किसी गरीब या जरूरतमंद की सहायता कर उनके जीवन में रोशनी फैलाएंगे। 

- अक्षिता (पाखी)
(राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता) 
इलाहाबाद.

मंगलवार, अक्तूबर 14, 2014

सत्यार्थी अंकल और मलाला दी को बधाई


सम्मान मिलना भला किसे नहीं अच्छा लगता और जब बात दुनिया के सबसे बड़े सम्मान नोबेल की हो तो और भी अच्छा लगता है। यह जानकर अच्छा लगा कि इस बार नोबेल का शांति पुरस्कार भारत से कैलाश सत्यार्थी अंकल और पाकिस्तान से  मलाला युसुफजाई दी को मिला है। रोज टीवी चैनलों पर यह देखने को मिलता है कि किस प्रकार बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच झड़प होती रहती है।  ऐसे में यह समाचार सुनना सुखद लगा। और सबसे अच्छी बात तो यह है कि सत्यार्थी अंकल 'बचपन बचाओ आंदोलन' से जुड़े हुए हैं और मलाला दी बालिकाओं की शिक्षा हेतु कार्य कर रही हैं। यह दोनों बातें तो हमारे लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। हम बच्चों की तरफ से आप दोनों को ढेर सारी बधाइयाँ। 





बुधवार, अक्तूबर 08, 2014

इलाहाबाद में नवरात्र और दशहरा

इलाहाबाद का दशहरा तो बहुत प्रसिद्ध है।  यहाँ का नवरात्र और राम लीला भी उतनी ही प्रसिद्ध है। इस बार नवरात्र और दशहरे में हम खूब घूमे और इलाहाबाद के दशहरे के मेले और नवरात्र  में माँ दुर्गा जी की पूजा का आनंद लिया। वाकई खूबसूरत और भव्य।  आप भी देखिये। 



सुन्दर पूजा पंडाल 


और माँ दुर्गा जी की भव्य मूर्ति। 


 सपरिवार पंडाल में। 





हीं एफिल टॉवर तो कहीं डिज़्नी लैंड की तर्ज पर सजे पंडाल और मनोरम झाँकियाँ .





और हाँ, भला गुब्बारों के बिना भी कोई मेला। 


तो है न आकर्षक और भव्य नवरात्र और दशहरा। 

गुरुवार, अक्तूबर 02, 2014

21वीं सदी बेटियों की है


बेटियाँ हमारी शान हैं और इनके उपर हमें गर्व है। यह कहना है इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा यादव का। दोनों ही जन साहित्य और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में चर्चित नाम हैं और उनकी इस परम्परा को बेटियाँ भी बढ़ा रही हैं। इनकी अक्षिता और अपूर्वा नामक दो बेटियाँ हैं, एक साढ़े सात साल की तो दूसरी चार साल की। जीएचएस  में क्लास 2 की स्टूडेंट अक्षिता जहाँ नन्ही ब्लॉगर के रूप में पॉपुलर है, वहीं इतनी कम उम्र में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड्स पाने के रिकार्ड भी हैं। अपने ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' लिए उसे वर्ष 2011 में दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल ब्लॉगर्स कांफ्रेंस में 'बेस्ट नन्ही ब्लॉगर' ख़िताब से सम्मानित किया गया, वहीं मात्र मात्र साढ़े चार साल की उम्र में 'नेशनल चाइल्ड अवार्ड' (2011) पाकर वह इण्डिया की सबसे कम उम्र की विजेता भी बनी। अब यादव दंपती की दूसरी बेटी अपूर्वा भी अपनी सिस्टर के साथ क्रिएटिविटी सीख रही हैं।यादव दम्पति को जहाँ अपनी बेटियों पर नाज है। इनका मानना है कि बेटियां किसी से कमतर नहीं, बशर्ते आप उनकी भावनाओं और इच्छाओं को समझते हुए उन्हें प्रोत्साहित करें। 21वीं सदी बेटियों की है और वे नया मुकाम रचने को तैयार हैं। 

(साभार : 'आई-नेक्स्ट' अख़बार की पहल 'नवरात्रि में लीजिये संकल्प : बेटियों को बचाओ' अभियान के तहत 2 अक्टूबर (इलाहाबाद संस्करण) को हमारे परिवार का जिक्र।)